किन मुश्किलों का सामना करते हुए प्रभात रघु बने बाॅलीवुड के जानेमाने गिटारिस्ट – प्रभात रघु

संगीत जगत में हर वाद्य यंत्र का अपना अलग महत्व होता है, ऐसे ही गिटार का भी अपना महत्व होता है, गिटार आज के लोगो की पहली पसंद बना हुआ है।

आज हम बात करेंगें प्रभात रघुवंशी जी की जिन्होंने गिटार के साथ फिल्मी जगत में प्रभात रघु के नाम से स्वयं को स्थापित किया है।

प्रभात रघुवंशी, जिनका जन्म 15 जनवरी सन् 1993 को उज्जैन में हुआ। इनके पिताजी तथा माताजी दोनों संगीत जगत में रहे, तो बचपन से ही इन्हें संगीत का माहौल मिला। 

पर बचपन में इनका कोई विशेष लगाव संगीत के लिए नहीं रहा, इनका पूरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई की तरफ ही रहता था, और ये बहुत अच्छे विद्यार्थी हुआ करते थे, लेकिन परिवार वाले चाहते थे, कि जब परिवार में सब संगीत को जानते और समझते हैं, तो इन्हें भी संगीत के प्रति रुचि लेना चाहिए और कुछ ना कुछ वाद्य यंत्र जरुर सीखना चाहिए।

बस यही बात मानकर प्रभात ने भी करीब कक्षा 8 वीं कक्षा के दौरान गिटार सीखना शुरु कर दिया था। उस वक्त इनके गुरु उज्जैन के अभिजीत आप्टे जी हुआ करते थे। प्रभात पढ़ाई में तो अच्छे थे, साथ ही गिटार का रोज अभ्यास भी किया करते थे। 

अब यही अभ्यास और पढ़ाई के बीच समय बीत रहा था, टीवी पर गाने के साथ गिटार बजाकर अभ्यास किया करते थे। 

अब कक्षा 11वीं के समय इन्होंने गणित विषय लिया, क्योंकि आगे चलकर इनका सपना इंजीनियर बनने का था। ओर अब तक इनकी गिटार में भी दिलचस्पी होने लगी थी, तब तक पढ़ाई के साथ-साथ रोज 5 घंटे गिटार का अभ्यास भी करने लगे थे। पढ़ाई और अभ्यास को साथ जारी रखा और 12वीं का परिणाम भी अच्छा रहा। 

फिर इंजीनियरिंग काॅलेज में प्रवेश ले चुके थे, काॅलेज में आते-आते ये वेस्टर्न म्यूजिक सीखने का मन बना चुके थे। 

तब ये अपने दुसरे गुरु श्री मयूख सरकार जी जो मुंबई में रहते है, तथा संगीत जगत का एक प्रतिष्ठित नाम है, ये उनसे मिलने मुंबई गए, वहां से आकर उनसे लगातार सम्पर्क में रहे व उनसे समय-समय पर संगीत की शिक्षा लेते रहे।

काॅलेज के समय पर ही इन्हें कुछ शो भी मिलने लगे, जो इंदौर में हुआ करते थे और काॅलेज में भी रोजाना जाना जरुरी होता था।

फिर अक्सर ये हुआ करता था, कि देर रात को शो से आना होता था और फिर सुबह जल्दी काॅलेज के लिए भी जाना होता था। फिर चार बजे काॅलेज से आकर वापस इंदौर शो के लिए निकल जाया करते थे। लगातार कुछ समय तक यही सिलसिला जारी रहा और कितनी ही बार शो खत्म होने के बाद अपने शहर आना होता था, पर बस छूट जाने की वजह से बस स्टैंड या किसी दोस्त के घर रुक जाया करते थे।

शो को लेकर प्रभात ने कुछ सालों तक लगातार उज्जैन और इन्दौर का सफर तय किया। इंजीनियरिंग के साथ ही अपने गिटार के अभ्यास को भी ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करते रहते थे।

प्रभात को पैसों की अहमियत बचपन से ही सिखाई गई है। ये छोटी ही उम्र में आत्मनिर्भर होने की कोशिश करने लगे थे, और अपने खर्च पर खुद चलाने लगे थे। 

अब रियाज को अधिक से अधिक समय देने के साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखना जरुरी था। इनके गुरु मयूख जी दूर जरुर रहे, पर उनके बताये गए गुरों का ये लगातार अभ्यास करते रहते थे। 

प्रभात को शो के लिए इंदौर और उज्जैन रोज आते-जाते लगभग 3 से 4 साल हो चुके थे। ओर उस वक्त तक इनके शो इंदौर के साथ ही प्रदेश व देश के अन्य शहरों में भी होने लगे थे। इनकी इंजीनियरिंग का भी लगभग चौथा साल चल रहा था। तब इन्होंने इंदौर जा कर रहने का मन बना लिया, और वहाँ रहने चले गए। 

इंदौर में पैसा जरुर कम मिलता था, पर काम और शो ज्यादा मिलने लगे थे। अपनी पहचान मिलने लगी थी, संगीत जगत के लोग प्रभात रघुवंशी को प्रभात रघु के नाम से जानने लगे थे। 

सन् 2015 के आते-आते इनकी इंजीनियरिंग भी पूरी हो चुकी थी, और आगे संगीत जगत में भविष्य बनाने के लिए इनको इनकी माताजी ने मुंबई जाने के प्रोत्साहित किया ओर ये मुंबई आ गए। 

इंदौर में किए काम से जो पैसा इकठ्ठा किया था, उससे एक अच्छा गिटार खरीद लिया। और फिर जब ये मुंबई आए तब यहाँ रहने, खाने के लिए बहुत मशक्कत व मुश्किलों का सामना करना पड़ा, नए शहर में काम कम होने की वजह से बहुत परेशानी हुई। बसों व ट्रेनों में सफर किया, आर्थिक तंगी, सभी कुछ स्थितियों को देखा, क्योंकि प्रभात अपने घर वालों से आर्थिक मदद नहीं लेना चाहते थे। 

प्रभात फिर एक छोटे से घर में अपने कुछ दोस्तों के साथ रहने लगे, पैसा कम होने की वजह से बहुत सोच समझकर खर्च किया करते थे। पैसों की ज्यादा से ज्यादा बचत किया करते थे, ताकि भविष्य में वही बचत काम आ सके। 

यहाँ मुंबई में छोटे-छोटे शो करते हुए, कुछ नए और अच्छे लोगो से परिचित होने लगे, अब ये अपने गुरु मयूख सरकार जी के समीप भी आ गए थे। गुरु से ओर अधिक सीखने का मौका मिलने लगा। 

मयूख जी के द्वारा ही प्रभात की मुलाकात विश्वप्रसिद्ध पार्श्वगायिका श्रीमती रेखा भारद्वाज जी से हुई। 

और फिर ये रेखा भारद्वाज जी के साथ काम करने लगे। इसके बाद लगातार इनका काम ओर शो बढ़ने लगे, जाने माने गायकों के लिए गिटार बजाने लगे। इन्होंने सन् 2017 के करीब ही रेखा भारद्वाज जी के साथ अमेरिका टूर किया। 

MTVUNPLUGGED सीजन 8 में भी रेखा भारद्वाज जी के साथ इन्होंने काम किया। 

कुछ समय बाद काम और नाम मिलने के साथ ही आर्थिक रुप से भी मजबूत होने लगे थे, और अच्छे घर में रहने लगे, वक्त के साथ स्थित में भी परिवर्तन होने लगा। 

धीरे-धीरे संगीत जगत के जानेमाने गायकों के लिए गिटार बजाने लगे, जिसमें बाॅलीवुड के पार्श्वगायक देव नेगी, अंतरा मित्रा, टोनी कक्कड़,अमि मिश्रा, नक्काश अजीज, अदिती सिंह शर्मा शामिल हैं। व अन्य संगीतकारों व गायकों के साथ काम व शो करने का सुनहरा मौका मिलने लगा। 

सन् 2018 में आई अभिनेत्री काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर ईला व मुक्केबाज फिल्म में भी इन्होंने ने काम किया है।

अभी टी- सीरीज़ का एक गाना आया फिर आओगे जिसका प्रभात हिस्सा है, व इंडियन प्रो म्यूजिक लीग के बैंड का भी ये हिस्सा है।

    भविष्य में प्रभात सम्पूर्ण रुप से स्वंय को संगीत के लिए समर्पित कर देना चाहते हैं। अपने रियाज को ओर अधिक समय देना चाहते हैं। 

गिटार से ही उनकी पहचान है, तो वे भी पूर्ण रूप से संगीत के लिए मेहनत करते हैं, और लगातार रियाज़ करते रहते हैं। 

आज भी कई बार लोग गिटार देखकर उत्सुकता से कुछ सवाल किया करते है और धुन सुनाने का बोलते हैं, तब प्रभात भी खुश होकर उनकी फरमाइशें पूरी कर दिया करते है।

प्रभात कहते हैं, कि लोग उन्हें सुनते हैं, तभी उन्हें हौसला मिलता है। ओर वे सकारात्मक ऊर्जा के साथ ओर अच्छा काम कर पाते हैं।

Ashwin Khatri
Ashwin Khatri has laid the foundation of the platform named "Apni Pehchaan", Ashwin has tied himself with the society for many years in the role of social worker at his level. After doing MSc from Udaipur University, he is starting his identity with the aim of giving a new direction to the society. Ashwin Khatri has resolved to nurture the hidden talents, professions behind the scenes of the society and take them all along in future. Contact Mail - ashwinkhatri@apnipehchaan.com

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