सप्लीमेंट वाली बाॅडी, भविष्य के लिए दुखदायी होती है – राधे कुमावत

नमस्कार,

हमारी टीम “अपनी पहचान” जिस तरह से आप सभी को अलग-अलग लोगों से, अलग-अलग विधाओं के जानकारों से मिलवा रही है उस ही के बीच हमारे साथ मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के युवा राधे कुमावत जी हैं। जो मिस्टर एमपी, पाॅवर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। 

   इन्होनें बिना किसी केमिकल सप्लीमेंट के बाॅडी बनाई है व आज लोगों को इस ही बात के लिए ही प्रोत्साहित कर रहे हैं। 

राधे कुमावत का जन्म 4 नवंबर 1985 को इंदौर शहर में हुआ राधे की पढ़ाई बस 12वीं तक ही हो पाई। क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर नहीं थी तो बस वक्त के साथ पढ़ाई को छोड़कर पिताजी के साथ ठेकेदारी का काम शुरु कर दिया था। 

      लगभग 14 साल की उम्र में राधे ने छोटे-छोटे काम से अपने जीवन की शुरुआत कर दी थी। ताकि उनके परिवार को सहारा मिल पाए। 

उस ही काम करने के दौरान राधे ने अपनी हेल्थ और फिटनेस पर ध्यान देना शुरु कर दिया था क्योंकि इन्हें कई लोगों के फिटनेस विडियो अच्छे लगते थे। फिर राधे ने ट्रेनिंग लेना शुरु किया सबकुछ सीखा फिर ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था। 

वक्त के साथ प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना शुरु किया, मुंबई जाकर क्लासेस ली। लोगों से अपनी बाॅडी के लिए मोटिवेशन देखा तब लगा कि यहीं कॅरियर बनाया जा सकता है। तब राधे ने सोचा कि एक बार कोशिश करने में ज्यादा नुकसान नहीं है यदि सफल हो गया तो यही आगे जाकर करना है। यदि  असफलता  मिली तो कम से कम इस बात का पश्चाताप नहीं होगा कि एक बार कोशिश तक नहीं की। 

सबसे पहले जनरल ट्रेनिंग से शुरुआत की उसके बाद पर्सनल ट्रेनिंग की भी शुरुआत कर दी थी। यह करना इतनी जल्दी आसान नहीं था। “सफलता सभी को दिख जाती है पर उस सफलता के पीछे खड़े लोग किसी को दिखाई नहीं देते हैं।” 

वक्त का बदलाव बहुत ही जल्दी होता है तो इनकी आय के साथ परिवार की स्थिति में भी सुधार आ चुका था। 

पिताजी की मेहनत, परिवार के साथ व दोस्तों के सहयोग के साथ राधे आज बहुत ही अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं। 

राधे की सबसे अच्छी बात ये है कि इन्होंने बिना किसी नुकसानदायक सप्लीमेंट के बाॅडी बनाई है वह भी शुद्ध शाकाहारी होकर। राधे सभी को बिना सप्लीमेंट के ही बाॅडी बनाने के लिए ही प्रोत्साहित करते हैं। 

    बाॅडी बिल्डिंग में जब से राधे आएं हैं उन्होंने 2018 में मिस्टर एमपी के खिताब को जीता है उस ही के बाद 2019 में डिवीजन को भी जीता साथ ही पाॅवर लिफ्टिंग में भी मिस्टर इंदौर गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। 

कुछ समय पहले ही राधे ने खुद का जिम भी खोल लिया है जिसमें वे सभी को शाकाहारी व बिना सप्लीमेंट की बाॅडी को लेकर युवाओं को सजग व तैयार कर रहे हैं। अब इनके पास जितने भी लोग आ चुके हैं सभी बहुत खुश है जिसमें कई बड़े-बड़े सेलिब्रिटी व राजनेता भी सम्मिलित हैं। 

जिस तरह आजकल के युवा पावडर व केमिकल से बाॅडी बना रहे हैं वह भविष्य में जाकर बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है। कोविड के बाद हार्ट को लेकर जितनी समस्या आ रही है वह जानलेवा बन रही है। 

राधे सभी को एक स्वस्थ जीवन शैली व रक्तदान के लिए सदा ही प्रेरित करते हैं उचित खान-पान व अच्छी जीवनशैली से भी स्वयं को स्वस्थ रखा जा सकता है। 

      राधे बताते हैं कि समय के साथ जितनी सुविधाएं मिली है वही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती जा रही है बाॅडी बनाना ज़रुरी नहीं है पर जो शरीर प्रकृति ने दिया है उसको स्वस्थ व स्वच्छ रखने की ज़िम्मेदारी हमारी होती है जिसे हमें पूरा करना चाहिए।

    बाॅडी भले ही ना बनाई जाए पर उसके लिए मेहनत करना, ध्यान रखना आवश्यक होता है। पहले के जमाने में लोग जिम नहीं जाते थे पर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा जागरूक होते थे। जिस हिसाब से खाने में मिलावटें आने लगी है वह भविष्य को लेकर भारी नुकसान देने वाली है। 

राधे ने अपने कॅरियर में या यूं कहें तो बचपन से ही बहुत मुश्किलों को देखा हे पर जब ईश्वर का आशीर्वाद साथ होता है सफलता का मार्ग मिल ही जाता है वैसा ही कुछ राधे के साथ भी हुआ है। राधे अपनी सफलता के लिए अपनी ईमानदारी, मेहनत को व हालत को बदलने की जिद्द को मानते हैं। 

    राधे ने इन दिनों को लाने के लिए एक-एक दिन में हज़ारों मुश्किलों का सामना किया है बचपन से गरीबी उसके बाद कम उम्र में काम, मजदूरी करना आसान नहीं होता है। पर एक अच्छे मौके के साथ आज जीवन में सबकुछ सही होने लगा है। 

     यदि बात जीवन में सरलता की करी जाए तो  उतार – चढ़ाव के बिना एक दिन भी संभव नहीं है। 

हमारी टीम “अपनी पहचान” राधे की सज़गता व लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए आभार व्यक्त करती है। हमारे समाज में इस तरह के लोगों की आवश्यकता है जो धन के लाभ को नहीं बल्कि लोगों के लिए चिंता जताते हैं।

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