नमस्ते,
हमारी टीम “अपनी पहचान” हम आप सभी को हुनर के नए – नए चेहरों, प्रतिभाओं व प्रतिभावान व्यक्तियों से मिलवाते रहते हैं उस ही तरह आज हमारे पास एक ऐसे युवा हैं जो 28 कैंचियों से कटिंग बना सकते हैं।
हो गए ना आप हैरान तो चलिए जानते हैं उज्जैन के आदित्य की कहानी।
आप जब भी बाल कटवाने के लिए सैलून में जाते हैं तो आपने वहाँ गिनती की कैंची रखी देखी होंगी, अब तक बार्बर को भी एक ही सीज़र से कटिंग करते देखा होगा। पर आज हम आपको उज्जैन मध्यप्रदेश के एक ऐसे युवा से मिलवाने जा रहे हैं जिनका नाम आदित्य देवड़ा है। ये 28 सीज़र का इस्तेमाल कर कटिंग बनाने का हुनर रखते हैं। इस ही मेहनत के बलबूते पर इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुके हैं। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम दर्ज करवाना चाहते हैं।
जिस तरह से वक्त बदल रहा है कोविड के बाद जो हालात बदले हैं उसको देखते हुए साथ ही बदलते वक्त के साथ युवाओं के रुझान खुद के बिजनेस में ज्यादा दिखाई देने लगे हैं क्योंकि युवाओं का मानना है कि खुद के ब्रांड, बिजनेस में जो नाम पहचान मिलती है वह दुसरों की नौकरी करके हासिल नहीं किया जा सकता है।
तो वैसे हम बात करते हैं आदित्य की।
आदित्य के पिता श्री जगदीश चंद्र देवड़ा जी का सैलून था और तीन भाईयों में आदित्य सबसे छोटे है। इनका बचपन से मन डांस में कॅरियर बनाने का रहा पर घर की परिस्थिति ठीक ना होने की वजह से कम उम्र से ही पिता व भाईयों के साथ सैलून के काम में मदद करवाने लगे थे।
एक वक्त पर परिवार में आर्थिक स्थिति कोई इतनी बेहतर नहीं थी, सैलून पर भी इतनी अच्छी आय नहीं थी वह वक्त और वह संघर्ष की बहुत से किस्से याद आते हैं पर पिताजी की मेहनत व संघर्ष के सकारात्मक परिणाम आज सभी के सामने है।
वक्त के साथ, बहुत ही कम उम्र में इनके बड़े भाईयों ने भी पिता के साथ फैमिली शाॅप पर ही मदद करवाना शुरु कर दिया था। उस ही के साथ इनके भाईयों ने मुंबई में जाकर सैलून व कटिंग के कई कोर्स किए जिसके बाद शहर में आकर जनता को उन कटिंग व अन्य सेवाएं प्रदान की।
आदित्य ने पढ़ाई आईआईटी, बी. काॅम एमबीए किया एमबीए करने के बाद तक नौकरी में जाने का कोई इरादा नहीं था लेकिन खुद का नाम, शहर का नाम रोशन करने का प्रयास करना चाहते थे।
एमबीए के बाद नौकरी नहीं करना है यह तो तय था पर कुछ हटकर करना है इसी की चाह थी।
कुछ नया प्रयोग करने के लिए इंटरनेट पर बहुत कुछ सीखने लगे उसे सीखा फिर यही काम ग्राहकों को पसंद आने लगा। जिसमें फायर हेयर कट, रेज़र से हेयर कट करने लगे उस समय फिर लगने लगा कि क्यों ना एक्स्ट्रा सीज़र से कटिंग बनाई जाए, धीरे-धीरे एक – एक सीज़र बढ़ने लगी।
पहले 12 सीज़र तक पहुंचे फिर 18 उसके बाद 24 तक पहुंच कर यूट्यूब पर विडियो डालकर रिकाॅर्ड के लिए अप्लाय करने का सोचा पर वहाँ कुछ रिकाॅर्ड पहले से ही मौजूद थे।
फिर दोबारा से प्रेक्टिस शुरु की, घंटों मेहनत के बाद 28 सीज़र से कटिंग करने का प्रयास किया और आखिर में यह रिकाॅर्ड इनके नाम का बना जिसे अब तक इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड व गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में सम्मिलित किया जा चुका है।
इसके अलावा अभी हाल में ही हिस्ट्री टीवी पर आने वाले शो “ओएमजी! ये मेरा इंडिया” में भी आदित्य के इस अनोखे हुनर को टेलीकास्ट किया गया है जिसके एंकर कृष्णा अभिषेक रहे हैं।
आदित्य का यह सफर आसान नहीं था बहुत मुश्किलें परेशानी ना जाने कितनी बुरी परिस्थितियों के बाद आदित्य के जीवन में यह मौका आया है जब वे अपने देश, शहर व परिवार का नाम रोशन कर पा रहे हैं।
आदित्य बताते हैं कि जिस तरह हर चीज़ के दो पहलू होते हैं उस ही तरह इंटरनेट भी है उसका उपयोग भी बहुत प्रकार से किया जा सकता है आज भी घंटों इंटरनेट पर कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करता हूँ क्योंकि जनता हमारे युवाओं को प्रत्येक दिन कुछ नया नया करते देखना चाहती है ओर हमें उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीखना ज़रुरी होता है।
जितना ध्यान अभ्यास व सीखने में किया जाए भविष्य में उसके उतने ही सटीक व स्पष्ट परिणाम देखने को मिल जाते हैं जिस तरह मेरे रिकाॅर्ड बने हैं यह एक दिन में होने वाला चमत्कार नहीं था बल्कि इसके पीछे ना जाने कितने लोगों की उम्मीदें, दिन – रात की मेहनत शामिल है।
भविष्य में अब आदित्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम लाकर शहर को नया कीर्तिमान प्रदान करना चाहते हैं। ताकि भविष्य में उज्जैन को लोग एक ओर पहचान से पहचाने जो आदित्य के हुनर की है।
आदित्य इस सफ़र में ईश्वर के साथ ही अपने परिवार व अपने दोनों बड़े भाईयों का बहुत ज़्यादा आभार मानते हैं।