हम आज आपसे बात कर रहे हैं, बिहार की बबिता मिश्रा जी की, जो वहाँ प्रसिद्ध लोक गायिका है। जिनकी गायिकी का सफर बचपन में ही शुरु हो गया था, ओर वे आज एक सफल गायिका के रुप में पहचानी जाती है।
हम सभी के बचपन के कुछ सपने होते हैं, जो कभी पूरे हो जाते हैं, तो कभी छूट जाते हैं, ऐसा इनका भी एक सपना था।
बचपन का एक दबा हुआ सपना जो कहीं ना कहीं खत्म हो गया था, लेकिन जब इन्हें फिर मौका मिला तो कैसा रहा बबिता का लोकगायिका से लेकर मिसेज इंडिया बनने तक का सफर जानिए हमारे साथ, टीम अपनी पहचान के साथ।
बिहार के सरसी, जिला पुर्णिया में 15 नवंबर सन् 1989 को बबिता का जन्म श्रीमान शशिकांत मिश्रा जी के घर हुआ।
संगीत ओर शिक्षा प्राप्त करवाने के उद्देश्य से इनके पिताजी ने इन्हें किशनगंज भेज दिया।
परवरिश एक अच्छे ओर सम्पन्न परिवार में हुई, इनके माता-पिता का सपना था, कि उनकी बेटी संगीत जगत में जाए, तो उसी के लिए संगीत की शिक्षा छोटी उम्र से ही शुरु हो गई थी।
लेकिन ये बचपन से माॅडलिंग करना चाहती थी, पर पिताजी को पसंद ना होने की वजह से उनकी इच्छा का मान रखते हुए, इन्होंने माॅडलिंग का सपना हमेशा के लिए छोड़ दिया था।
स्कूल की पढ़ाई के साथ ही इन्होंने कम उम्र में ही मंच पर गाना गाना शुरु कर दिया। पढ़ाई, संगीत सीखना, मंच पर जाना यह सभी साथ ही साथ चलता रहता था, और ये सभी बखूबी संभाल लेती थी।
मंच पर प्रस्तुति के साथ ही इनकी प्रसिद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी, लोग अब इन्हें इनके नाम से जानने लगे थे, जो इनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। साथ में पढ़ाई जारी रखी। मंच के जरिए, जब लोगों में इनकी पहचान होने लगी, इन्हें बहुत खुशी मिलती थी। ग्रेजुएशन तक पढ़ाई कर इन्होंने अधिक रुचि गायन में दिखाना शुरु कर दी थी।
पर मंच पर कार्यक्रमों के दौरान शिष्टाचार ओर व्यवस्थित तरीके से हाव भाव, व स्वयं को सुंदर दिखाने का जो मौका मिलता था, उसी में ये अपना माॅडलिंग का सपना जी लेती थी।
इनके गायन में सबसे ज्यादा परिवार ने साथ दिया, जब समाज में लड़कियों का गाना या मंच पर प्रस्तुति देना उचित नहीं माना जाता था, तभी इनके लिए सपना देखा, ओर उस सपने को साकार करने के लिए इनके परिवार ने बहुत साथ दिया है।
इन्होंने अलग-अलग राज्यों में जाकर नाम कमाया है, उसी समय भोजपुरी ओर बाॅलीवुड के बड़े-बड़े कलाकारों के साथ मंच साझा किया है, ओर आज भी ये अपने गायन के लिए जानी जाती है।
इसी दौरान सन् 2012 में इनका विवाह हो गया। नया परिवार, ने लोगों के साथ तालमेल बनाना ओर अपने गायन को भी जारी रखा।
फिर कुछ समय बाद इनके बच्चे आहना ओर शिवाय हो गए, अब बच्चों को सम्भालने के साथ अपनी गायिकी को जारी रखना था, जो बहुत मुश्किल हो रहा था, पर परिवार ने हमेशा की तरह साथ दिया, ओर सब हल होता चला गया।
पर जो बचपन का अधूरा सपना, इन्हें लगता था, कि काश वो पूरा हो सकता तो कितना अच्छा होता।
माँ बनने के बाद बच्चों की ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए ये अपने काम को भी किया करती है।
अब बच्चों की देखभाल हो या उनकी पढ़ाई-लिखाई, हर बात का स्वयं ध्यान रखती है, अब बेटी आहना सात साल व बेटा शिवाय पांच साल का है।
साल ऐसे ही गुजर रहे थे, तब इनके पिताजी का देहांत हो गया, जो इनके निजी जीवन के लिए बहुत बड़ी क्षति थी, ये बहुत तनाव में रहने लगी पर समय कहाँ रुकता है, किसी के लिए! अब बच्चों के साथ मन लगने लगा था, ओर ये पारिवारिक व्यस्तताओं में व्यस्त हो गई।
जिंदगी में सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था, कॅरियर सही दिशा में चल रहा था, तभी इनके जीवन का सबसे अच्छा समय आया। फरवरी सन् 2021 के समय कोरोना काल में लाॅकडाउन के समय एक दिन इन्हें इंटरनेट पर मिसेज बिहार प्रतियोगिता का आयोजन होने वाला है यह पता चला।
मन तो बहुत था, पर देहांत के पहले इनके पिताजी नहीं चाहते थे, यही सोच कर इन्होंने विचार त्याग दिया।
पर इन्होंने माताजी से यह बात साझा की, उन्होंने कहा कि पिताजी के देहांत के बाद उनकी तरफ से हम तुम्हें यह सपना पूरा करने के लिए अनुमति दे रहे हैं। तुम अपना सपना पूरा करो, बस असफलताओं से घबराना नहीं।
बस फिर इन्होंने फार्म जमा कर दिया, अब मन में डर था, कैसे होगा, क्या होगा??
जब प्रतियोगिता की तैयारी, चलना ओर सबकुछ सीखाया जाता था, इनका मन फिर बचपन में चले जाता था, कि अब वो सपना भी सच होने लगा है।
प्रतियोगिता में भाग लिया, ओर 14 फरवरी सन् 2021को इन्होंने मिसेज बिहार का खिताब अपने नाम किया।
रुबरु में मिसेज इंडिया के लिए प्रतिभागी बनी ( फेस ब्यूटी इंटरनेशनल मिसेज इंडिया) ओर यह खिताब भी अपने नाम किया।

ये हमेशा अपने संगीत से जुड़े रहना चाहती है, ओर भविष्य में संगीत जगत में ही काम करना चाहती है।
बबिता बताती है, कि उनके बचपन का सपना जो तब पूरा ना होकर अब पूरा हो रहा है, बहुत खुशी होती है।
लड़कियों के लिए समाज की सोच में जो दिन प्रतिदिन बदलाव हो रहे हैं।
वह देख कर अच्छा लगता है।
ये महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना चाहती है, जिस तरह से ये बच्चों ओर परिवार की जिम्मेदारी के साथ संगीत व एक नए क्षैत्र माॅडलिंग में शौहरत हासिल कर रही है, उसी तरह जिसके जो भी सपने है, चाहे जिस भी परिस्थितियों में समय गुजर रहा है, पर सपनों को एक मौका दिया जाना चाहिए।
इन्हें अब सीरियल ओर फिल्मी विडियो के लिए ऑफर आ रहे हैं।
जिसके लिए इनकी अभी कोई योजना नहीं है।
इन्होंने मिसेज इंडिया बनने का कभी सपने में भी यह सब नहीं सोचा था, पर समय ओर मेहनत के साथ सब हासिल होता चला गया।
अब न्यूजीलैंड में होने वाली मिसेज इंटरनेशनल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली है।
बबिता का कहना है, कि भारत का प्रतिनिधित्व करना उनका सौभाग्य है। क्योंकि जब देश के साथ उनका नाम जुड़ जाता है, गौरव ओर सम्मान की अनुभूति होती है।
जब इन्हें मिसेज इंडिया कहा जाता है, बहुत अच्छा लगता है, अब इन्हें जो मौका मिल रहा है, यह स्वयं को सौभाग्यशाली बताती है।
टीम अपनी पहचान यही प्रार्थना करती है, कि बबिता जी मिसेज इंटरनेशनल का खिताब हासिल कर, हम भारतवासियों को गौरवान्वित करें। हमारी शुभकामनाएँ हमेशा इनके साथ है।