हमारा मालवा क्षेत्र, हमारे मध्यप्रदेश का इंदौर शहर जिसे खाने पीने के लिए भी जाना जाता है वहीं एक ऐसा प्रतिष्ठान भी है जिनकी भेल का स्वाद व भेल बनाने का और बात करने का अंदाज़ जादू की तरह है।
अक्षय कुमार ने इन्हें अपनी फिल्म रक्षाबंधन के प्रमोशन के लिए भी बुलाया है।
प्रोफेशनल डिग्री के बाद, बढ़िया नौकरी के बाद खुद का बिज़नेस शुरु करना एक नया आकर्षण का केंद्र बन जाता है।
जिनको तीखा खाने का शौक है उनके लिए 440 वाॅल्ट भेल बनाई जाती है, यह भेल विश्वप्रसिद्ध बन चुकी है। इस भेल को बनाने के लिए विश्व की सबसे तीखी मिर्ची का प्रयोग किया जाता है।
नमस्कार,
आज हम आपका परिचय मिस्टर भेल भंडारी से करवा रहे हैं दरसल भेल भंडारी का असली नाम चेतन भंडारी जी है। जिन्होंने भेल के साथ नए-नए प्रयोग कर भेल को अलग-अलग रुपों में लोगों के सामने रखा है।
चेतन का जन्म इंदौर में ही हुआ है इनके पिताजी का पूजन सामग्री का व्यवसाय रहा, चेतन को बचपन से ही भेल पसंद थी ओर भेल के साथ प्रयोग करने का शौक। इस ही शौक को करते-करते इन्होंने घर परिवार में अपना अलग स्वाद लोगों को चखाना शुरू किया।
चेतन पहले तो शौक के लिए भेल बनाते थे पर कभी सोचा नहीं था कि यही एक दिन उनकी भेल पहचान बन जाएगी। लेकिन हम लोगों को अब यह देखने में आने लगा है कि युवाओं का ध्यान स्वयं के व्यापार ओर फूड इंडस्ट्री में ज्यादा होने लगा है, हेल्दी फूड लोगों तक पहुंचाने की कोशिश अब सफल होने लगी है।
वैसे खास बात यह है कि मिस्टर भेल भंडारी का स्वाद जितना निराला है उतना ही निराला इसका परोसने का भी अंदाज़ है। कहा जाता है स्वाद जितना अच्छा होता है, उसके साथ ही उतने ही अच्छे से परोसा जाए तो स्वाद दोगुना हो जाता है।
चेतन के कॅरियर का यह पहला काम नहीं है, इन्होंने MSc की डिग्री के बाद एनिमेशन, ग्राफिक्स डिजाइनिंग का कोर्स किया, उसके बाद सन् 2011 से 2016 तक एड एजेंसी में प्रोजेक्ट मैंनेजर के रुप में नौकरी की।
नौकरी में बाहर आना – जाना लगा रहता था उस दौरान चेतन ने हमेशा अच्छे व स्वच्छ खाने की कमी को हमेशा महसूस किया। नौकरी तो चल ही रही थी पर चेतन का मन अब नौकरी में नहीं लग रहा था।
क्योंकि इन्हें लगने लगता था कि जिस हेल्दी व स्वच्छ खाने के लिए यह परेशान होते हैं तो दुसरे लोग भी होते ही होंगें तो क्यों ना फूड इंडस्ट्री में जाने की कोशिश की जाए।
कॅरियर की ग्रोथ भी बढ़िया ही चल रही थी पर लोगों तक हेल्दी फूड पहुंचाने का सपना पूरा करना ज़्यादा महत्वपूर्ण लगा तो उसे पूरा करने का ठान लिया।
जब चेतन ने घर पर बताया कि वे अब नौकरी छोड़कर भेल के साथ प्रयोग कर अपना व्यवसाय करना चाहते हैं।
घर वालों ने साथ दिया ओर हिम्मत दी कि यह सफल नहीं हुआ तो डरना नहीं।
फिर दिनांक 2 दिसंबर 2018 से चेतन भंडारी “मिस्टर भेल भंडारी” ने मल्हारगंज में पीपल के पेड़ के नीचे एक छोटी सी दुकान से शुरुआत की।
चेतन बताते हैं कि उनकी प्रसिद्ध भेल 440 वाॅल्ट भेल की मिर्च में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च केरोलिना रिपर, घोस्ट रिपर का इस्तेमाल करते हैं, यह भेल दुनिया की सबसे तीखी व स्वादिष्ट भेल में ओर खाने में सम्मिलित है।
चेतन की हमेशा कोशिश यह रहती है कि वे सभी को स्वच्छ, उत्तम खाने का सामान उपलब्ध करवाएं। स्वादों में प्रयोग करके, रिसर्च करके, उसे हमेशा बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं।
चेतन अपनी मेहनत, योग्यता के साथ दुनिया में प्रसिद्धी पा रहे हैं इस ही प्रसिद्धी के चलते सन् 2022 में कलर्स चैनल पर आने वाले “हुनरबाज शो” में आ चुके हैं वहाँ इन्हें फूड कैटैगरी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म रक्षाबंधन के प्रमोशन के लिए चेतन को बुलाया था, जिस तरह से चेतन अपनी भेल नए अंदाज़ में बेचते हैं, उसी तरह का किरदार अक्षय ने भी इस फिल्म में निभाया है।
देश के बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़ ने भेल भंडारी के जायके का लुफ्त उठाया है। जिनमें परिणिति चौपड़ा, करण जौहर, भारती सिंह, हर्ष लिम्बाचिया, मिथुन चक्रवर्ती जैसी हस्ती भी शामिल हैं।
वहीं इनके स्वाद के जायके लेने के लिए अभी तक इनके पास भारत के लगभग सभी प्रसिद्ध फूड ब्लाॅगर, यू-ट्यूबर आ चुके हैं, जिनके रिव्यू भी बहुत बेहतरीन रहे हैं।
चेतन ने हमेशा स्वाद को बैलेंस करने की कोशिश की है कि स्वाद के साथ इनके प्रयोग भी जनता तक पहुंचें।
चेतन विश्वप्रसिद्ध हो चुके हैं वे अपनी सफलता इतनी ही मानते हैं कि लोग इनके हाथों की भेल खाकर बहुत खुश होते हैं।
चेतन का मानना है कि प्रतिद्वंद्वियों के बीच भी यदि हमारा प्रतिष्ठान लोगों के मनों को जीत रहा है वही हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी कोशिश यही कि सभी लोग हमारे स्वाद को चखें। मेरा सपना जो मैं लेकर चला था सभी के सहयोग व आशीर्वाद से वह पूरा हो रहा है।
मेरी मेहनत व संघर्ष के साथ जो मैं प्रयोग करता हूँ, वह लोगों को पसंद आते हैं भविष्य मैं, में भेल भंडारी को हर शहर तक पहुंचा पाऊं ऐसी कोशिश करता रहूंगा।
क्योंकि जितना अच्छा अन्न होगा, उतना ही अच्छा स्वास्थ्य और भविष्य व विचार भी अच्छे होंगें।