नमस्कार,
आज हम, हमारी टीम “अपनी पहचान” आपका ऐसी शख्सियत से परिचय करवाने जा रही है जिन्होंने उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद प्रोफेशनल तरीके से अपने कॅरियर की शुरुआत की और आज कई रिकॉर्ड व कई प्रतियोगिता के गोल्ड मेडल इनके नाम हो चुके हैं।
जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर दो खेलों में किया है, टर्की व कज़ाकिस्तान में जाकर गोल्ड मेडल जीतकर लाना या वहाँ तक भी पहुंचना इतना आसान नहीं था।
ना जाने कितनी चोट, ना जाने कितने घंटों की मेहनत और परिवार को संभालना, बच्चों की पढ़ाई, उनके बड़े होने तक उनका हर पल ख्याल रखना व साथ ही कई वर्षों की तपस्या का फल यह कामयाबी है।
मीना का जन्म 1 जनवरी सन् 1974 को रीवा में हुआ। पिताजी के पुलिस में होने की वजह से इनका ध्यान स्पोटर्स में ज्यादा था बचपन से स्कूल काॅलेज के हर खेल का हिस्सा होती थी। जितनी ये पढ़ाई में होशियार थी उतनी ही अच्छी स्पोर्ट्स में भी रही हैं।
मीना ने जितनी तवज्जो स्पोर्ट्स को दी, उतनी ही अपनी पढ़ाई को भी दी है मीना के कॅरियर में चाहे शादी के बाद पढ़ाई में सफल हो या एक उम्र के बाद स्पोर्ट्स में आने का फैसला हो इनका सबसे ज़्यादा समर्थन इनके पति व परिवार ने किया है।
पढ़ाई में भी इन्होंने अनेकों डिग्री हासिल की जिनमें बीए, एलएलबी, बी. एड, इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स किया है।
स्पोर्ट्स में बराबर व उत्तम डाइट लेना, चोट लगने पर इलाज करवाना, अन्य प्रकार से भी बहुत अधिक खर्चें होते हैं जिसे इनके परिवार वालों ने सहमति के साथ स्वीकार किया है।
कुछ डिग्री इनकी शादी के बाद तो कुछ शादी के पहले हो चुकी थी सन् 1996 में इनकी शादी इंदौर में मनोज शर्मा जी से हुई। शादी के बाद बेटी के जन्म के बाद मीना ने खुद को वापस फिट बनाने के लिए योग व एरोबिक क्लासेस ज्वाईन की।
योग व एरोबिक इन्हें इतना अच्छा लगा कि इन्होंने उसी में अपना समय देना शुरु कर दिया तब तक इनके एक ओर बेटे का जन्म व दोनों बच्चों की पढ़ाई व जीवन काफी आगे बढ़ चुका था।
पर कहते हैं कि भाग्य ने सभी के लिए कुछ ना कुछ बेहतर लिखा होता है जो उसको उसके अच्छे समय पर मिल जाता है। ऐसा ही कुछ मीना के साथ होने वाला था सन् 2017 में बेटी की शादी के बाद मीना ने हैवी वेटलिफ्टिंग शुरु की तब से लाॅकडाउन तक चलता रहा उम्र के एक पड़ाव के बाद यह इतना आसान नहीं था पर जिद्द के आगे यह कुछ भी नहीं था।
मीना ने प्रेक्टिकस पर हमेशा ध्यान दिया उसे रुकने नहीं दिया लाॅकडाउन जैसी स्थिति में भी इन्होंने प्रेक्टिस की।सन् 2021 में डिस्ट्रीक लेवल पर गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
जीवन में कुछ भी शुरुआत हो वह एक छोटे स्तर से ही होती है मीना ने भी पहले डिस्ट्रीक लेवल पर खेला उसके बाद पाॅवर लिफ्टिंग व बैंच प्रैंस में स्टेट लेवल पर पहली बार में ही में गोल्ड मेडल लगा।
वक्त के साथ कई अवार्ड्स व सम्मान प्राप्त हुए। मीना ने अपनी मेहनत व जुनून के दम पर 6 बार नेशनल लेवल की पाॅवर लिफ्टिंग में हिस्सा लिया व जिसमें 5 बार गोल्ड मेडल प्राप्त किया व एक बार सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ।
भारत में कई प्रतियोगिता में हिस्सा लेने व देश में बहुत ही कम समय में अपने नाम का परचम फहराने के बाद मीना को नेशनल के साथ अब इंटरनेशनल में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका टर्की में मिला यह इंटरनेशनल प्रतियोगिता दिसंबर 2021 में हुई जहाँ इन्होंने 2 गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।
टर्की में भारत का नाम गर्व से ऊंचा करने के बाद सन् 2022 में मीना के पास भारत को सम्मान दिलवाने का एक ओर मौका था, दुसरा मौका कज़ाकिस्तान की प्रतियोगिता में भाग लेकर सिल्वर मेडल प्राप्त किया।
इन्होंने कई शहरों में आयोजित होने वाली मैराथन में भी विशेष अतिथि के रुप में हिस्सा लिया व लोगों को हेल्थ के लिए प्रोत्साहित किया।
मीना अब तक देश की कई महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं घर, परिवार के साथ खुद को फिट रखना, स्वास्थ्य के लिए जागरूकता व सपनों को पूरा करने की चाह यदि मन में लेकर चले तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती है।
भविष्य में मीना को ओलम्पिक खेलों में भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करना है, अब तक भारत के लिए बहुत गोल्ड मेडल जीते हैं पर अब भारत को ओलम्पिक खेलों का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलना चाहिए।
हमारी टीम “अपनी पहचान” मीना के सपनों को पूरा होने के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ प्रेषित करती है हम चाहते हैं कि इनके सपनों के साथ भारत का नाम भी उज्जवल हो।
ऐसी ही मंगलकामनाओं के साथ मीना जी को पुनः हार्दिक शुभकामनाएँ।